Kanchan Prabha

Romance Fantasy

4.8  

Kanchan Prabha

Romance Fantasy

वो मेरे मैं उनकी

वो मेरे मैं उनकी

1 min
278


वो चाँद हैं मेरे मैं चाँदनी उनकी

वो राग हैं मेरे मैं हूँ रागिनी उनकी

उनके बिना जिन्दगी मेरी अधूरी लगती है


वो जिंद हैं मेरे मैं हूँ जिन्दगी उनकी

वो खुदा हैं मेरे मैं हूँ बंदगी उनकी

आँखें रोती है जब वो पास नहीं होते


वो नैन हैं मेरे मैं हूँ नजर उनकी

वो दिल हैं मेरे मैं हूँ जिगर उनकी

गले लग के रोती रहूँ यही दिल चाहे


वो जान हैं मेरे मैं हूँ धड़कन उनकी

वो बहार हैं मेरे मैं हूँ गुलशन उनकी

और क्या क्या कहूँ इन शब्दों के सिवा


वो नीरज हैं मेरे मैं हूँ स्वीटी उनकी

वो विकास हैं मेरे मैं हूँ कंचन उनकी

बस वो मेरे हैं और मैं हूँ बस उनकी



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance