मिल गया यहीं सभी आज हमें जीवन में, मिल गया यहीं सभी ! मधुर मधुर चाँदनी , छिटका रही छवि ! कल्पना... मिल गया यहीं सभी आज हमें जीवन में, मिल गया यहीं सभी ! मधुर मधुर चाँदनी , छिट...
यूँ ही सी जिंदगी अब लगने लगी सुहानी सी। यूँ ही सी जिंदगी अब लगने लगी सुहानी सी।
तो इन्हें सँवारने से पहले क्यों न खुदको सँवारे हम। तो इन्हें सँवारने से पहले क्यों न खुदको सँवारे हम।
चढ़ रही बालों पर सफ़ेदी क्या विफल प्रयास हो जाएगा ? चढ़ रही बालों पर सफ़ेदी क्या विफल प्रयास हो जाएगा ?
फागुन आई मैं उसमें बेदाग हूं, आजा अब तो देख तेरे लिए बे रंग हूं। फागुन आई मैं उसमें बेदाग हूं, आजा अब तो देख तेरे लिए बे रंग हूं।
हर रस्ता और मंजिल तुम्हारे लिए दिल दीवानों में शामिल तुम्हारे लिए। हर रस्ता और मंजिल तुम्हारे लिए दिल दीवानों में शामिल तुम्हारे लिए।