है वो आदमी बेपरवाह थोड़ा पर ज़हरीला नाग नहीं हैं। है वो आदमी बेपरवाह थोड़ा पर ज़हरीला नाग नहीं हैं।
छुपा कर भी बहुत कुछ बता देते हैं लोग। छुपा कर भी बहुत कुछ बता देते हैं लोग।
फागुन आई मैं उसमें बेदाग हूं, आजा अब तो देख तेरे लिए बे रंग हूं। फागुन आई मैं उसमें बेदाग हूं, आजा अब तो देख तेरे लिए बे रंग हूं।
हमारे पूर्वजों को दे रहे हो श्रद्धांजलि जैसे। हमारे पूर्वजों को दे रहे हो श्रद्धांजलि जैसे।
मैं तुम्हारा काजल हूं, काजल ही रहूंगा ऐसे ही तुझे हरेक बुरी नजर से बचाता रहूंगा। मैं तुम्हारा काजल हूं, काजल ही रहूंगा ऐसे ही तुझे हरेक बुरी नजर से बचाता रहूं...
उसकी कोमलता ही उसकी कातिल बन जाती कातिल बन जाती।। उसकी कोमलता ही उसकी कातिल बन जाती कातिल बन जाती।।