माँ की कोख में बेटी बोल रही मुझे भी देख लेने दो ये संसार मेरा भी हक़ है read more
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राजाओं के जैसा, कट गया बचपन, तब तो दिमाग में इतनी, महँगाई नहीं होती read more
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आजकल की माॅं भी बदल चुकी है... माॅडर्न हो गयी है... खुद का संभालते संभालते बच्चों को read more
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ये कविता के जन्म का शब्दश: वर्णन read more
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मम्मी-पापा ने पकड़ी थी मेरी उंगली जब मैं था छोटा, वे मुझे शांत कराते, अक्सर मैं जब read more
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ये माना कि हर तरफ पीने के पानी की कमी है लेकिन जीव पर अत्याचार, बारिश की बेरहमी read more
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'कुत्ते की मालकिन, कभी आगे, और कभी पीछे दौडती है, गोद में हो, कभी कुत्ता चाटता है read more
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'आज लड़कियों में जीरो फिगर का ट्रेंड है, और लड़कों में सिक्स पेक एब्स का चलन है।' read more
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मैं मातृशक्ति हूँ मैं भगिनी मैं सखी मैं ही सहगामिनी सर्व स्वरूप हैं आदरणीय समझो read more
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माँ अगर है तभी बच्चों के पूरे होते है अरमान, माँ से ही ये है जमाना माँ से है सारी read more
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तुम्हारी मिट्टी, मिट्टी में मिलने से पहले, अम्मा चंदन की खुशबू दे रही थी एक जीवन में read more
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'अगर फिसलने के डर से चलने में डरेंगे, तो तेरे द्वार तक कैसे पहुंचेंगे, 'योगी' जीवन read more
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करवट बदलने पर भी जो सहम जाते थे चीखें मार -मार कर जो आवाज़ लगाते थे एक पल भी जो read more
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एक सैनिक अपने कर्मफल के लिये, स्वर्ग के प्रवेश द्वार पर खड़ा था, मरणोपरांत अंतिम read more
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लड़के कभी रोते नहीं की दुनियावी मजबूरी से अबहे आंसुओं को कब तलक रोके मासूम read more
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यह कविता भाई बहन के त्यौहार रक्षाबंधन के बारे में read more
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'अस्पताल में लाख वर्जित हो, घर का खाना लाता है, यात्रा से ऐन वक़्त पहले गुड बाय read more
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4-18वर्ष की उम्र में संस्कारों का पालन सिखाया जाता read more
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दादी, हम सबकाे प्यार बांटने वाली, कहानी सुनाने वाली... लेकिन अगर वह चली जाएं, भगवान read more
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जिस्म के साथ रूह भी जलाई कमीनों ने इस दुष्कृत्य के लिये उन दरिंदो को गरम सरिया read more
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वह हर वक़्त साथ साथ होती है, बेटियां तो एहसास होती read more
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मगर मन में हैं कुछ सवाल जो तुमसे पूछ नही पाता read more
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ये कैसी अनबूझ पहेली प्रिय बोधिसत्व पाकर भी ना जान सके पति read more
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'चिंता के कारण बुढ़िया ने मरते समय लिया था नाम, बचा लो उसको कहने वाली थी वो तब तक read more
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मर्यादा की बेड़ियों में, अब ना कहो कुढ़ने को। तोड़ कर ये बेड़ियाँ, आसमान से read more
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विकास के नाम पर जल, जंगल और जमीन को उजाडने वालों मुझे मेरा घर वापस लोटा read more
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हाथी के दाँत, खाने के और दिखाने के और कहावत सार्थक प्रतीत होती है, झूठे 'साधों' read more
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दो देशों की सीमा पर बसे गाँव में रहने वाले लोगों का read more
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ममता की चादर अगर तेरी थी तो वही चादर आधी मेरी भी थी read more
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'ये ज़िन्दगी ख़ुशी और गम का किस्सा है, मुश्किलें आगे बढ़ने की प्रक्रिया का हिस्सा read more
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