तेरा अस्तित्व न था ये स्वीकार करती हूँ हमने ही गलती की ये इकबाल करती हूँ, तेरा अस्तित्व न था ये स्वीकार करती हूँ हमने ही गलती की ये इकबाल करती हूँ,
जहां हो वहां रुक जाओ अभी सभी, हर आदमी से आदमी नजरबंद हो। जहां हो वहां रुक जाओ अभी सभी, हर आदमी से आदमी नजरबंद हो।
इतना गहरा जख्म तुम्हारे दिल को देकर जाएगा बीत जाएंगे बरस लेकिन वो घाव भर ना पाएगा इतना गहरा जख्म तुम्हारे दिल को देकर जाएगा बीत जाएंगे बरस लेकिन वो घाव भर ना प...
रहो सावधान, लगे जुर्म हो सकता है दो तुरंत सूचना पुलिस को कलमकार रहो सावधान, लगे जुर्म हो सकता है दो तुरंत सूचना पुलिस को कलमकार
घर से बाहर निकलने की, हिम्मत कहाँ से लाऊँ, घर से बाहर निकलने की, हिम्मत कहाँ से लाऊँ,