तुम कभी ये कह नहीं सकते किस में कम किस में ज्यादा है। तुम कभी ये कह नहीं सकते किस में कम किस में ज्यादा है।
बढ़े सद्भाव, सौहार्द और सम्मान विश्व में भारत का बढ़ता रहे मान। बढ़े सद्भाव, सौहार्द और सम्मान विश्व में भारत का बढ़ता रहे मान।
फिर से अपने इश्क का चर्चा आम हो गया है, क्योंकि तू मुझ पर मेहरबां हो गया है। फिर से अपने इश्क का चर्चा आम हो गया है, क्योंकि तू मुझ पर मेहरबां हो गया है।
यहाँ कलयुग की रामायण का लगता दरबार है, गर रावण है तो सीता भी अब तैयार है यहाँ कलयुग की रामायण का लगता दरबार है, गर रावण है तो सीता भी अब तैयार है
लालच मन न बसाई हूँ फिर भी मैं पराई हूँ। लालच मन न बसाई हूँ फिर भी मैं पराई हूँ।
मेरी हर आरज़ू एक सच्चाई थी... मेरी हर आरज़ू एक सच्चाई थी...