औरत औरत
आखिर क्यों? आखिर क्यों?
और औरत भी तभी तक खिली रहती है जब तक पिता के आँगन मे है. और औरत भी तभी तक खिली रहती है जब तक पिता के आँगन मे है.
आपका बेटा है, मेरा जीवन साथी आपकी और मेरी लड़ाई में हार उसी की होगी उसे किसी प्रतियोगिता का पदक... आपका बेटा है, मेरा जीवन साथी आपकी और मेरी लड़ाई में हार उसी की होगी उसे किस...
उसी चादर पर बैठकर दो प्रेमी अपने विरह और मिलन के गीत गाते वक़्त को सुनाते और वह सुनती उन सदि... उसी चादर पर बैठकर दो प्रेमी अपने विरह और मिलन के गीत गाते वक़्त को सुनाते औ...
क्योंकि मैं औरत हूँ। क्योंकि मैं औरत हूँ।