भगवान के घर में भले ही देर है ,अंधेर नहीं, वहां सदा न्याय है, अन्याय नहीं। भगवान के घर में भले ही देर है ,अंधेर नहीं, वहां सदा न्याय है, अन्याय नहीं।
फिर तुम क्यूँ होती लाचार, तुम्हीं तो हो सृष्टि का पालनहार। फिर तुम क्यूँ होती लाचार, तुम्हीं तो हो सृष्टि का पालनहार।
पाओगे जितना की तुम्हारे लिए तुम्हारे माँ बाप ने किया है दोस्तों। पाओगे जितना की तुम्हारे लिए तुम्हारे माँ बाप ने किया है दोस्तों।
में उतारा होता तो यह कलियुग कलियुग ना होता कब का सतियुग हो जाता यह कलियुग कलियुग ना ह में उतारा होता तो यह कलियुग कलियुग ना होता कब का सतियुग हो जाता यह कलियुग ...
समय कब चलता है हमारे हिसाब से वह तो बस चलता है अपने हिसाब से। समय कब चलता है हमारे हिसाब से वह तो बस चलता है अपने हिसाब से।
आखिर, जीत की परिभाषा क्या ? हार–जीत के मायने हैं क्या। आखिर, जीत की परिभाषा क्या ? हार–जीत के मायने हैं क्या।