जिस तरफ जाऊँ पाऊँ बस तुझको एक खुशबू सा चार सू हो जा जिस तरफ जाऊँ पाऊँ बस तुझको एक खुशबू सा चार सू हो जा
वो हमें याद करतें हैं इसे तुम प्यार मत समझोबात तो ये है कि उनकी उधारी बाकी है हमपे वो हमें याद करतें हैं इसे तुम प्यार मत समझोबात तो ये है कि उनकी उधारी बाकी है हम...
मैं जब नम सी निगाहों से देखता हूँ तुझेयार कुछ तो तेरा दिल भी पिघलता होगा मैं जब नम सी निगाहों से देखता हूँ तुझेयार कुछ तो तेरा दिल भी पिघलता होगा
वो मासूम सा चेहरा वो झुकी-झुकी सी पलकेंमेरा अरमान है उस शख्स को दिल में बसाने का वो मासूम सा चेहरा वो झुकी-झुकी सी पलकेंमेरा अरमान है उस शख्स को दिल में बसान...
रे विचित्र परिवेश! तज मानवता, धर दानवता छोड़ स्वयं का वेश! रे विचित्र परिवेश! तज मानवता, धर दानवता छोड़ स्वयं का वेश!
राह टेड़ी हो.....भले...पर मै स्वयं उलझा नहीं, हो तपन कितनी मगर मैं ताप से झुलसा नहीं। राह टेड़ी हो.....भले...पर मै स्वयं उलझा नहीं, हो तपन कितनी मगर मैं ताप से झुलसा ...