जादू सा
जादू सा
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वो जब आज भी यूँ सजता-संवरता होगा
पूरे माहौल में जादू सा बिखरता होगा
मैं जब नम सी निगाहों से देखता हूँ तुझे
यार कुछ तो तेरा दिल भी पिघलता होगा
महँगे खिलौनों की दुकान वालों सुनो
गरीब का बच्चा भी तो यारों मचलता होगा
इंसां गलतियां करता ही है मत यारों हँसो
ठोकरें खाकर वो कुछ तो सम्हलता होगा
वो मेरे साथ बुरा करे तो कोई बात नहीं
ख़ुशी है कि उसका दिल तो बहलता होगा
गुलाब चूमकर दिया था उसने जो तुझको
उससे तो यार इत्र सावन सा बरसता होता
वो पास आता है तो धड़कनें बढ़ती होंगी
यार की बांहों में कुछ तू भी सहमता होगा