शिव और पार्वती मिलन की है ये रात, श्रद्धा विश्वास होते दिव्य प्रेमी सौगात। शिव और पार्वती मिलन की है ये रात, श्रद्धा विश्वास होते दिव्य प्रेमी सौगात।
हैं इस सृष्टि के परम सत्य शिव ; हैं अविनाशी सरस हृदय शिव ! हैं इस सृष्टि के परम सत्य शिव ; हैं अविनाशी सरस हृदय शिव !
सबने कभी ना कभी गलत किया दुनिया है यहाँ कोई दूध का धूला नहीं। सबने कभी ना कभी गलत किया दुनिया है यहाँ कोई दूध का धूला नहीं।
मैं समय की इस भँवर में नाचूँ तृण के सदृश बस, इस नियति की हर डगर छीना गया दायित्व मेरा। मैं समय की इस भँवर में नाचूँ तृण के सदृश बस, इस नियति की हर डगर छीना गया दायि...
दिल का हुक्म हुआ है आज कुछ लिखा जाए, हाले दिल फिर से बयाँ किया जाए। दिल का हुक्म हुआ है आज कुछ लिखा जाए, हाले दिल फिर से बयाँ किया जाए।
मेरी कहानी के किरदार है प्यारे प्यारे है सबसे न्यारे न्यारे। मेरी कहानी के किरदार है प्यारे प्यारे है सबसे न्यारे न्यारे।
इस दौर के युवा ज़्यादातर आराम करना चाहते हैं। इस दौर के युवा ज़्यादातर आराम करना चाहते हैं।
झरि-झरि नैना झरति हौ , भीतरु भभकयि आगि । झरि-झरि नैना झरति हौ , भीतरु भभकयि आगि ।
वावरा मन का पंछी उड़ता रहे मुक्त गगन, मुक्त ही करना है... वावरा मन का पंछी उड़ता रहे मुक्त गगन, मुक्त ही करना है...
जिंदगी के सफ़र में कोई यहाँ मिला कोई वहाँ मिला। जिंदगी के सफ़र में कोई यहाँ मिला कोई वहाँ मिला।
नील गगन से उतर आयी एक परी। रत्न जड़ित अलंकृत परिधान हरी। नील गगन से उतर आयी एक परी। रत्न जड़ित अलंकृत परिधान हरी।
छाये गगन में काले बादल टिप टिप बरसे बारिश की बूंदे। छाये गगन में काले बादल टिप टिप बरसे बारिश की बूंदे।
ये दिसंबर की सुनहरी धूप,खिल कर तन को राहत दे गई। ये दिसंबर की सुनहरी धूप,खिल कर तन को राहत दे गई।
आ जाओ सारे फिर से लोहड़ी है आई , बीजी और परजाई ले आई खूब मिठाई। आ जाओ सारे फिर से लोहड़ी है आई , बीजी और परजाई ले आई खूब मिठाई।
किस गिरफ्त से छूट नाचती वक़्त-बेवक़्त बेख़ौफ़ यहां-तहां भागती किस गिरफ्त से छूट नाचती वक़्त-बेवक़्त बेख़ौफ़ यहां-तहां भागती
इठलाती चली राधा रानी प्यारी होली खेलन संग रासबिहारी। इठलाती चली राधा रानी प्यारी होली खेलन संग रासबिहारी।
रात की नीरवता में सोच का विस्तृत आकाश। रात की नीरवता में सोच का विस्तृत आकाश।
नया समय नया परिवेश नई मांग और नई वेश यह सब कैसे करती मैं पूरी? नया समय नया परिवेश नई मांग और नई वेश यह सब कैसे करती मैं पूरी?
जीवन का मकसद, रहस्यमय यह खेल है, उत्तर की खोज में अपनी राह ढूंढता हूँ। जीवन का मकसद, रहस्यमय यह खेल है, उत्तर की खोज में अपनी राह ढूंढता हूँ।
मैं का संकट बड़ा विकट इसे चकनाचूर करूं कैसे। मैं का संकट बड़ा विकट इसे चकनाचूर करूं कैसे।