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Yogesh Suhagwati Goyal

Others

5.0  

Yogesh Suhagwati Goyal

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व्यव्हारिकता के साइड इफेक्ट्स

व्यव्हारिकता के साइड इफेक्ट्स

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व्यवहारिक शब्द सुनते ही, मीठा सा भान होता है,

व्यवहारिक इंसान का, समाज में बड़ा मान होता है।

इन्हें सामाजिक परम्पराओं का, खासा ज्ञान होता है,

ऐसे इंसान को अपने मान पर, बड़ा गुमान होता है।

समाज में मान बनाये रखने पर, पूरा ध्यान होता है,

लेकिन व्यवहारिकता के साइड इफेक्ट्स से अनजान होता है।


व्यवहारिक इंसान असुविधा की, नहीं सोचता है,

बिना बताये अस्पताल में, हाल पूछने चला आता है।

अस्पताल में लाख वर्जित हो, घर का खाना लाता है,

यात्रा से ऐन वक़्त पहले, गुड बाय करने चला आता है।

आग्रह कर हाथ में एक और, पैकेट थमा जाता है,

लेकिन व्यवहारिकता के साइड इफेक्ट्स से अनजान होता है।


व्यवहार के नाम पर, लेन देन का बोझ बढाता है,

काम में हाथ बंटाने के नाम पर, रायता फैलाता है।

बिना बताये, बेवक्त दूसरे के, घर पहुँच जाता है,

दूसरे की निजता समझे बिना, कहीं भी घुस जाता है।

७ बजे की पार्टी, उसमें साढ़े नौ पर एंट्री मारता है,

लेकिन व्यवहारिकता के साइड इफेक्ट्स से अनजान होता है।


व्यवहारिक इंसान अन्दर से, थोडा सा क्रैक होता है,

दूसरा व्यवहारिक ना हो तो, उसका हार्ट ब्रेक होता है।

रोजाना के जीवन में, ऐसे बहुत से अवसर आते है,

जब एक का व्यवहार, दूसरे पर भारी पड़ जाता है।

“योगी” जहाँ पर एक पक्ष तो, व्यवहार निभाता है,

लेकिन दूसरा कभी, बेवजह बेचारा बन जाता है।

व्यवहारिक इन्सान व्यवहारिकता के साइड इफेक्ट्स से अनजान होता है।


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