बीमारों की भीड़ में, हैं अपने कुछ लोग रोज़ दवाई खा रहे, दुख को रहें हैं भोग चारों और हैं सुन रहे, ... बीमारों की भीड़ में, हैं अपने कुछ लोग रोज़ दवाई खा रहे, दुख को रहें हैं भोग चा...
आखिरी ख्वाहिश जताई। आखिरी ख्वाहिश जताई।
अस्पतालों को इश्तहार देना पड़ गया है देख बापू तेरे देश का क्या हाल हो गया है। स्वाद अस्पतालों को इश्तहार देना पड़ गया है देख बापू तेरे देश का क्या हाल हो गया है।...
यह अस्पताल है, दर्द मिटाने की जगह इसे तो बक्श दो, है प्यार बाँटने की जगह। यह अस्पताल है, दर्द मिटाने की जगह इसे तो बक्श दो, है प्यार बाँटने की जगह।
हाँ उन्हीं अपनों को, तलाश रही हैं मेरी आँखें, जिनके लिए मेरे पास, सम्पूर्ण जीवन, सम... हाँ उन्हीं अपनों को, तलाश रही हैं मेरी आँखें, जिनके लिए मेरे पास, सम्प...
रुको नहीं तुम जाकर उठाओ सबकी गंदगी। रुको नहीं तुम जाकर उठाओ सबकी गंदगी।