अब त्याग दे इस आलस्य को, सवेरा हो चला है। अब त्याग दे इस आलस्य को, सवेरा हो चला है।
पिता ने सारी सुविधा कि द्वार सजाये मंजू गृह मिलने का करते आग्रह किस किस हाथ बढ़ाऊँ सदृश्य मुझ... पिता ने सारी सुविधा कि द्वार सजाये मंजू गृह मिलने का करते आग्रह किस किस हाथ ...
इसको केवल एक बार खरीदना ही पड़े, बस सोलर चार्ज करो, और जी भर के चलाओ। इसको केवल एक बार खरीदना ही पड़े, बस सोलर चार्ज करो, और जी भर के चलाओ।
उस पल से नफरत करती है बस अगले पल से हमारा जीवन शुरू होता है। उस पल से नफरत करती है बस अगले पल से हमारा जीवन शुरू होता है।
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