टेलिफोन, कर दिया दुनिया को एक।
टेलिफोन, कर दिया दुनिया को एक।
पहले चिट्ठी पत्र चलता था,
मिलने में महीना लगता था,
जब से है टेलिफोन आया,
इसने है तुरंत मिलन करवाया,
बस किया डायल,
वार्तालाप हुआ आरंभ,
अपना सुख दुःख बांटों,
प्यार जताओ,
मुबारक दो,
धन्यवाद करो,
और जब चाहे काट दो।
लेकिन इसमें अब सुधार आना लाजमी,
क्यों न लैंडलाइन को केवल लैस बनाया जाए,
सीधे सैटलाईट से ओप्रेट किया जाए,
इसमें भी इंटरनेट सुविधा दी जाए,
भिन्न-भिन्न भाषाओं के कीबोर्ड लगाए जाएं,
और टाईपिंग के लिए सक्रीन डाल दी जाए,
इसमें अलग-अलग ऐप्स की सुविधा दी जाए,
इसे भी मोबाइल की तरह आधुनिक किया जाए।
इसको केवल एक बार खरीदना ही पड़े,
बस सोलर चार्ज करो,
और जी भर के चलाओ।