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Anil Jaswal

Fantasy

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Anil Jaswal

Fantasy

वो सफ़ेद परी।

वो सफ़ेद परी।

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शहर में,

पिछली रात,

खूब हुई बर्फबारी,

सबकुछ सफेद,

ठंड आसमान पर,

सब गर्म कपड़ों में लदे,

एक दूसरे का,

अभिवादन करते।


युवा आपस में,

बर्फ के खेल खेलते,

अचानक एक,

बर्फ का गोला,

लगा पीठ पर,

संतुलन खोया,

गिरा जमीन पर।


कुछ देर के लिए,

होश गुम हुए,

तभी एक,

बहुत सुरीली आवाज आई,

सौरी,

गलती से लग गया।

आंखें खोली,

तो सामने,

एक खूबसूरत हसीन,

चेहरे को पाया।

गाल सेब,

जैसे लाल,

सर पर सफेद कैप,

हाथ मेरी ओर,

बढ़ा हुआ,

चेहरा खिला हुआ।


मैं भी मुस्कराया,

झट से,

उसका हाथ पकड़ा,

और खड़ा हो गया।


बोली,

मंशा नहीं थी,

लेकिन लग गया,

परंतु ऐसा मौका भी तो,

साल में,

एक बार हाथ लगता।


मैंने अपने आपको संभाला,

उसकी नशीली आंखों में झांका,

और कह डाला।

अगर कोई,

आप जैसी हसीना मारे,

तो देखूँ,

हर रोज,

बर्फ के नजारे।


आपका निशाना,

सच में,

दिल पर लगा है,

और मोहब्बत का,

घाव बना है।



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