STORYMIRROR

Nageshwar Panchal

Drama Fantasy

4.4  

Nageshwar Panchal

Drama Fantasy

सबसे भूखा आदमी है

सबसे भूखा आदमी है

1 min
21.6K


मैं एक भूखा आदमी था

मैंने सारे रिश्तों में पैदा की बनावट

मैंने बेवजह घोली मिठास

जिसने सम्बन्धों में डाल दिया मठ्ठा।


मेरे पास इतने आईने थे कि

हर कोई मुझमें देख पाता था खुद को

दरसअल ख़ुद को नहीं बल्कि उसको

जिसे वह चाहता था देखना।


मैंने हर वो खेल खेला है 

जिसमें मेरे पास होती थी चौथी चाल

हाँ ! मैंने किये हैं कुर्बान कई प्यादे

ताकि बचा सकूँ ख़ुद को

जबकि मैं ना वज़ीर था ना राजा।


मैं डरा हर उस चीज़ से जो स्थिर थी

अतः भागता रहा ताकि

बन ही ना प

ाए मेरी कोई एक पहचान

ये सच था कि 

मैं चाहता नहीं था, कोई पहचाने मुझे।


मैं माँ की आँखे, पिता का कंधा 

और दोस्तों की चप्पल लेकर चलता रहा

मैंने नापी कई सड़कें 

दुखद ये था कि दूरी का मुझे कोई भान ना रहा।


मुझे ये समझने में कई लू के झोंके लगे 

कि स्थिरता मौत नहीं जीवन है

'अभी' जीवन का सबसे बड़ा लम्हा है।


आज जब मैं सब चोले उतारकर तुझसे गले मिला 

तो तुमने कहा, कल क्या होगा?


वक़्त

सबसे भूखा आदमी है

वो सबकुछ खा जाता है।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama