हैं इस सृष्टि के परम सत्य शिव ; हैं अविनाशी सरस हृदय शिव ! हैं इस सृष्टि के परम सत्य शिव ; हैं अविनाशी सरस हृदय शिव !
यह मन के जुगनू हमें कभी अस्त व्यस्त तो कभी मस्त मस्त रखते हैं। यह मन के जुगनू हमें कभी अस्त व्यस्त तो कभी मस्त मस्त रखते हैं।
प्रथम प्रणाम उन मात-पिता को, जिन्होंने मुझको जन्म दिया। प्रथम प्रणाम उन मात-पिता को, जिन्होंने मुझको जन्म दिया।
माँ से सुन तारीफ इतनी मेरा मन कुछ बदला, सोचा खा लेती हूँ माना बहुत है कड़वा। माँ से सुन तारीफ इतनी मेरा मन कुछ बदला, सोचा खा लेती हूँ माना बहुत है कड़व...
नील गगन से उतर आयी एक परी। रत्न जड़ित अलंकृत परिधान हरी। नील गगन से उतर आयी एक परी। रत्न जड़ित अलंकृत परिधान हरी।
रावण की जगह लेने की कोशिश भी न करो, रावण की जगह लेने की कोशिश भी न करो,
भयंकर होता जा रहा जिसका आकार है काला धन संचय करने वाला ये साहूकार है। भयंकर होता जा रहा जिसका आकार है काला धन संचय करने वाला ये साहूकार है।
मुझे क्या अब भी अपनाओगे मेरे क्षत -विक्षत अंगों को सहलाओगे मुझे क्या अब भी अपनाओगे मेरे क्षत -विक्षत अंगों को सहलाओगे
रात की नीरवता में सोच का विस्तृत आकाश। रात की नीरवता में सोच का विस्तृत आकाश।
तमस की गुहा में क्यों, स्त्रियाँ अब जल रहीं। तमस की गुहा में क्यों, स्त्रियाँ अब जल रहीं।
नई ऊर्जा और हिम्मत का संचार कर खुद को खुद के लिए खास बना पाती हूँ मैं।। नई ऊर्जा और हिम्मत का संचार कर खुद को खुद के लिए खास बना पाती हूँ मैं।।
पल-पल रखते उनका ध्यान, एक दूजे पर छिड़के जान।। पल-पल रखते उनका ध्यान, एक दूजे पर छिड़के जान।।
यह मुझे समझ नहीं आता इतना समझने की जरूरत भी क्या है यह मुझे समझ नहीं आता इतना समझने की जरूरत भी क्या है
दीपवाली के दिए की जगमगाहट से ; मन का मंदिर भी प्रकाशमान है ! दीपवाली के दिए की जगमगाहट से ; मन का मंदिर भी प्रकाशमान है !
खाली राम नाम रटने से पेट नहीं भरने वाला उसको चलाने के लिए कुछ काम तो करना ही पड़ेगा। खाली राम नाम रटने से पेट नहीं भरने वाला उसको चलाने के लिए कुछ काम तो करना ही पड़...
उल्टे उस्तरे से मूंडना आजकल तो ये हो गई है एक आम बात। उल्टे उस्तरे से मूंडना आजकल तो ये हो गई है एक आम बात।
जिन्होंने मिटाया रात्रि का अंधेरा घना जिन्होंने मिटाया रात्रि का अंधेरा घना
ठहराव आकर्षण , लोभ में बाँध देगा । ठहराव आकर्षण , लोभ में बाँध देगा ।
बताओ तो किसकी रहती झोली खाली ; गणपति जी की अनंत कृपा है निराली ! बताओ तो किसकी रहती झोली खाली ; गणपति जी की अनंत कृपा है निराली !
खिलखिलाती हंसी के पीछे होंठों पर जमी एक बात थी खिलखिलाती हंसी के पीछे होंठों पर जमी एक बात थी