बाज़ार का सफ़र- नत्थू हलवाई
बाज़ार का सफ़र- नत्थू हलवाई


खाने का बहुत मन कर रहा था मिठाई
सोचा बाज़ार से लेकर आता हूँ रसमलाई
पहुँचा मौहल्ले के नत्थू हलवाई की दुकान
देखते ही मन मोह लिया
उसके तरह-तरह के पकवान।
मैंने पूछा नत्थू भैया-
मिठाइयों के बीच में रहते हो दिन भर
क्या आपका मन नहीं करता खाने को तनिक भर
रोक कैसे लेते हो अपने आप को इतना
ये राज़ जरा हमें भी बताना।
नत्थू बोला -
कवि भाई अब आप से क्या छुपाना,
खाने के लिए मिठाई उठाता हूँ हाथ पर
पर क्या करे बिज़नस भी तो है करना,
इसलिए रख देता हूँ सिर्फ चाट कर।
सुन के हो गया मैं दंग,
उड़ गया मेरे चेहरे का रंग
जवाब सुन के हालत हो गई थी
एकदम खस्ता
वहाँ से निकलने को मैंने लिया अपना रस्ता।
तभी नत्थू मुस्कराया,
मुझे अपने पास बुलाया और बोला,
भाई ये तो था बस मज़ाक था
बताइये क्या दूँ आज आपको ख़ास
मैंने कहा होश उड़ा के लगाते हो मरहम
कोई नहीं, खिला दो आधा किलो
जलेबी गरमा गरम।
जैसे ही रखा जलेबी तराजू पर,
मैंने कहा भाई दिल आ गया आपकी बर्फी पर
नत्थू बोला कोई नहीं सरकार,
जलेबी रहने दो, बर्फी ले जाओ इस बार।
बर्फी देते हुए बोला, बर्फी हैं मिठाइयों की शहजादी
मैंने कहा लगता है ये ठंडी थोड़ी ज्यादा
नत्थू बोला ये है मेरा वादा,
वही खिलाऊँगा जो है आपका
इरादा।
मैंने कहा जब खिलानी है मिठाई
तो पैक कर दो आधा किलो बालूशाही
जब नाप रहा था बालूशाही तो मैंने कहा रहने दो,
बदले में दे दो रसमलाई।
नत्थू बोला- कवि भाई
आज अपने मुझे बहुत ही है नचाया
फिर उसने एक हाथ में रसमलाई
और दूसरे में बिल थमाया।
मैंने कहा जब मैंने आप से कुछ नहीं है खरीदा
तो बताओ ये बिल किस चीज़ का
नत्थू बोला क्या भाई रसमलाई भी खाओगे
और पैसे भी नहीं भरोगे।
मैंने कहा अपने ग्राहक को ऐसे ही तंग करोगे
जब कुछ लिया ही नहीं तो पैसे किस बात के लोगे
जब लिया मैंने रसमलाई
तो वापस भी तो किया बालूशाही,
बालूशाही के बदले बर्फी और
बर्फी के बदले की तो थी वापस जलेबी
नत्थू बोला आपकी बात तो ठीक लगती है नहीं
कुछ तो जलेबी के पैसे भी तो बनती है।
मैंने कहा याद करो नत्थू भाई, ये बात हुई कैसे
जब मैंने ली नहीं जलेबी, तो किस बात के पैसे
सुन के बात नत्थू हो गया हैरान
खुला का खुला ही रह गया
उसका मुँह और दोनों कान।
मैंने कहा नत्थू भैया-
बेचो मिठाई हँसते-हँसते
फिर मिलेंगे, अच्छा भैया नमस्ते।
कुछ दूर जाकर मैं वापस आया,
नत्थू के हाथ में पैसा थमाया
मुस्कराया, और कहा-
मज़ाक और रसमलाई
दोनों का हिसाब बराबर चुकाया।।