यमराज से वार्तालाप
यमराज से वार्तालाप
रविवार की एक दोपहर में
लेटा हुआ था मदमस्त में
तभी यमराजजी प्रकट हुए और बोले
लेने आया हूँ तेरी जान मैं
दिल बेचैन हो गया घबराहट से
आँसू झलक के आ गया पलकों पे
यमराजजी को फिर समझाया मैं
कि मेरी जान तो रहती है पड़ोस में।