I am a short story writer in Hindi. I have five books to my credit -Pet sabke hain, Baisakhiyon ke pair, Bajigar , Laghukatha samiksha , Hindi laghikatha ke siddhant
हम इस अस्तित्व के साथ आनंद से नाचते-गाते जीवन जीना चाहते हैं। हम इस अस्तित्व के साथ आनंद से नाचते-गाते जीवन जीना चाहते हैं।
भाई मेरे एक लाख अलग से रख लेना इस बार मैं एक रुपया कम नहीं लूँगी। भाई मेरे एक लाख अलग से रख लेना इस बार मैं एक रुपया कम नहीं लूँगी।
अम्मा से भी उनका कोई भावनात्मक लगाव नहीं, बस थोड़ा सा कर्तव्य बोध और लोक लाज बची थी। अम्मा से भी उनका कोई भावनात्मक लगाव नहीं, बस थोड़ा सा कर्तव्य बोध और लोक लाज बची ...
निर्भरता दासत्व पैदा करती है मैं क्यों किसी की दास बनूँ? निर्भरता दासत्व पैदा करती है मैं क्यों किसी की दास बनूँ?
मैं गली के मुहाने तक उसके साथ चली फिर उसे हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। मैं गली के मुहाने तक उसके साथ चली फिर उसे हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
‘मुझे लगता है यह अवसर कहीं आपदा में नहीं बदल जाय।’ ‘मुझे लगता है यह अवसर कहीं आपदा में नहीं बदल जाय।’
अधूरे पन की कसक लिए दो रूहें एकाकार होने की चाह लिए भटकती रही। अधूरे पन की कसक लिए दो रूहें एकाकार होने की चाह लिए भटकती रही।
मुझे फिर से नौकरी करने की जरूरत है ताकि आत्मनिर्भर और स्वतंत्र जीवन जी सकूँ मुझे फिर से नौकरी करने की जरूरत है ताकि आत्मनिर्भर और स्वतंत्र जीवन जी सकूँ
वह कैसे कुछ पैसों के लिए उसका अंग बेच सकता है! वह कैसे कुछ पैसों के लिए उसका अंग बेच सकता है!
निराशा के इस दौर में मैं अकेला रह गया, चिंताग्रस्त। निराशा के इस दौर में मैं अकेला रह गया, चिंताग्रस्त।