STORYMIRROR

Tarun Pangaria

Drama Inspirational Comedy

4  

Tarun Pangaria

Drama Inspirational Comedy

गरीबी

गरीबी

1 min
42.1K


क्या होती है गरीबी?

बाप की पलकों से नीद को आंखों में न उतरने दे,

वो होती है गरीबी।

माँ के सजने सवरने की ख्वाहिश को जो अधूरा करदे,

वो होती है गरीबी।

बहन की डोली जो न उठने दे,

वो होती है गरीबी।

जो भाई को अनपढ़ बना दे,

वो होती है गरीबी।

 

क्या करती है ये गरीबी?

सपनो को जलाके ख़ाक कर देती हैं ये गरीबी।

मुँह में जाने से पहले निवाला निगल जाती है ये गरीबी।

भूखे की भूख खा जाती है ये गरीबी,

प्यासे की प्यास पी जाती है ये गरीबी।

बच्चों का बचपन छीन जाती है ये गरीबी,

जवानी में बूढ़ा बना देती है ये गरीबी।

नेताओ का वोट बैंक है ये गरीबी,

स्टूडेंट्स का प्रोजेक्ट है ये गरीबी,

विदेशियों का आकर्षण है ये गरीबी,

अपनों को फूटी आँख न सुहाती ये गरीबी।

जीने की आस मिटाती ये गरीबी,

मरने की तमन्ना जगाती ये गरीबी।

शहर के किसी कोने में दबी कुचली दिखती है ये गरीबी,

मेरे भारत में 32 रुपए में बिकती है ये गरीबी।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Tarun Pangaria

Similar hindi poem from Drama