Reader,writer
हाँ अमन मुझे भी आज अपने गाँव के छुट्टियों के दिन याद आ गये थे हाँ अमन मुझे भी आज अपने गाँव के छुट्टियों के दिन याद आ गये थे
ये चाँद भी ऐसा बैरी होगा। क्यूँ किउसे एक चाँद से नहीं दो चाँद से धोखे मिले थे। ये चाँद भी ऐसा बैरी होगा। क्यूँ किउसे एक चाँद से नहीं दो चाँद से धोखे मिले थे।