खुद सह लेती सब,अपना कोई दर्द न बतलाया प्रभु कैसे मोम सी काया को,बिन ज्वाला पिघलना सिखाया एक रोटी माँगूँ तो चार रोटी का आटा एक रोटी पर चिपकाया फिर भी हमेशा माँ को बच्चा दुबला ही नजर आया माँ दुनिया का अनमोल तोहफ़ा जिसमें प्रभु रूप समाया आभार आपका माँ,जिसने बेशर्त मोहब्बत करना सिखाया ✍️दीप्ति
जीवन है एक नदिया की धारा हाँ वही धारा जिसमें गरम और करारी जलेबी बनती हैं😂😂 (धारा-निरंतर प्रवाह),(धारा-रेफ़ायंड तेल)
जीवन है एक नदिया की धारा हाँ वही धारा जिसमें गरम और करारी जलेबी बनती हैं😂😂 (धारा-निरंतर प्रवाह),(धारा-रेफ़ायंड तेल)
किसी के दयालु भाव को पागलपन मत समझियेगा क्यूँकि इस व्यक्ति का ये गुण किसी के लिए हितकर है और इसकी आवश्यकता आपको भी किसी रोज पड़ सकती है
किसी के दयालु भाव को पागलपन मत समझियेगा क्यूँकि इस व्यक्ति का ये गुण किसी के लिए हितकर है और इसकी आवश्यकता आपको भी किसी रोज पड़ सकती है
किसी के दयालु भाव को पागलपन मत समझियेगा क्यूँकि इस व्यक्ति का ये गुण किसी के लिए हितकर है और इसकी आवश्यकता आपको भी किसी रोज पड़ सकती है