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Pankaj Prabhat

Drama Romance Others

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Pankaj Prabhat

Drama Romance Others

यूँ ज़िन्दगी से...

यूँ ज़िन्दगी से...

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यूँ ज़िन्दगी से कुछ हमें तो हसरत नहीं थी,

ख्वाबों और चाहतों की अपनी खास तबीयत नहीं थी।


तेरे आने ने साँसों को, कुछ मायने दे दिए,

आँखों में रौशनी, दिल को आईने दे दिए,

रौशनी और आईने की मेरी, कैफ़ियत नहीं थी।

यूँ ज़िन्दगी से कुछ हमें तो हसरत नहीं थी,

ख्वाबों और चाहतों की अपनी खास तबीयत नहीं थी।


रंगों सी हसीन तुम, हम तनहाइयों के आदि,

तुम रेशम सी मख़मली, हम तो बस खादी,

यूँ रानाईयों से अपनी, मसरूफियत नहीं थी।

यूँ ज़िन्दगी से कुछ हमें तो हसरत नहीं थी,

ख्वाबों और चाहतों की अपनी खास तबीयत नहीं थी।


तेरा सादापन मेरी आवारगी, तेरी शोखियां मेरी दीवानगी,

तेरी अदाएं तेरी निगाहें, मेरे शब्द मेरी कवितायें,

बिन खुशबू के तो पंकज में, कभी खासियत नहीं थी।

यूँ ज़िन्दगी से कुछ हमें तो हसरत नहीं थी,

ख्वाबों और चाहतों की अपनी खास तबीयत नहीं थी


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