बहुत उम्दा ग़ज़ल या कविताएं नहीं लिखता छोटा मोटा पर एक क़लमकार मैं भी हूं मेरे अपने अलग कुछ क़ायदे क़ानून होते हैं बिना बहुमत के जीती इक सरकार मैं भी हूं
काश ! मैं समय को एक घंटे पीछे ले जा पाता तो मैं वही चप्पल ख़रीदता। बस वही नारंगी रंग वही। बस वही.... काश ! मैं समय को एक घंटे पीछे ले जा पाता तो मैं वही चप्पल ख़रीदता। बस वही नारंगी...
पूरे 2 महीने बाद आज फिर से मैं उदास था मेरे पास अपनी बात कहने के लिए आज शायद कोई नहीं था । मैं अकेला... पूरे 2 महीने बाद आज फिर से मैं उदास था मेरे पास अपनी बात कहने के लिए आज शायद कोई...
आज मैं एक मुस्कान के साथ उठा, ऐसा नहीं था कि मैं बहुत खुश था पर हाँ ऐसा था कि मुझे अब खुश होना था। आज मैं एक मुस्कान के साथ उठा, ऐसा नहीं था कि मैं बहुत खुश था पर हाँ ऐसा था कि मु...