तुमसे दोस्ती भी न थी तुमसे दुश्मनी भी न थी फ़िर क्यों किया दगा, तुमसे दिल्लगी भी न थी। तुमसे दोस्ती भी न थी तुमसे दुश्मनी भी न थी फ़िर क्यों किया दगा, तुमसे दि...
बचपन में मैं, जब रूठ जाया करता था लोगों के तानों से, टूट जाया करता था बंद कमरे में, वो दीवार ... बचपन में मैं, जब रूठ जाया करता था लोगों के तानों से, टूट जाया करता था बंद...
रिश्तों को बदलते देखा रिश्तों को बदलते देखा
तुम सपना बन आती रहो तुम सपना बन आती रहो
मगर संभाल खुद को बाहर से रहा था, मगर संभाल खुद को बाहर से रहा था,
उसमें रखा मुरझाया फूल मुझे मेरे जैसा ही लगा उसमें रखा मुरझाया फूल मुझे मेरे जैसा ही लगा