उस वक्त की जब मैं रोया था उस वक्त की जब मैं रोया था
आ इस बार, तो रुक ही जा परछाईं यादों, की साथ न ला। आ इस बार, तो रुक ही जा परछाईं यादों, की साथ न ला।
मगर संभाल खुद को बाहर से रहा था, मगर संभाल खुद को बाहर से रहा था,
न दर्द से हो वाकिफ़ न दिल्लगी से, दाग और दामन की सर जमी में, न दर्द से हो वाकिफ़ न दिल्लगी से, दाग और दामन की सर जमी में,