सदा हम यही कहें पंछी हैं हम उन्मुक्त गगन के। सदा हम यही कहें पंछी हैं हम उन्मुक्त गगन के।
एक बार फिर बहा देती हैं अश्क में इन फुर्सत के कुछ पलों में।। एक बार फिर बहा देती हैं अश्क में इन फुर्सत के क...
फर्क इस बात से पड़ जाता है कि, अपना कोई विदा ले, जा रहा है दूर, बैठ उस जहाज़ में, या कोई प्रिय, आ ... फर्क इस बात से पड़ जाता है कि, अपना कोई विदा ले, जा रहा है दूर, बैठ उस जहाज़ मे...
बेपनाह खूबसूरत थे वो गुज़रे लम्हे, जिन्हे तूने एक पल में ही भुला दिया.... बेपनाह खूबसूरत थे वो गुज़रे लम्हे, जिन्हे तूने एक पल में ही भुला दिया....
भुलाना मुश्किल हुआ हमारा, यूँ हस्ती पे मेरी वो छा गये हैं। कभी इनायत कभी शिकायत... भुलाना मुश्किल हुआ हमारा, यूँ हस्ती पे मेरी वो छा गये हैं। कभी इनायत कभी शिकायत....
इस विनती की लाज रखना मातृ सुरूपा मैं नदी हूं। इस विनती की लाज रखना मातृ सुरूपा मैं नदी हूं।