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नज़र में समां गये हैं

नज़र में समां गये हैं

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नज़र नज़र में समां गये हैं

हमे वो इतने क्यूँ भा गये हैं।


भुलाना मुश्किल हुआ हमारा

यूँ हस्ती पे मेरी वो छा गये हैं।


कभी इनायत कभी शिकायत

ये कैसा जलवा दिखा गये हैं।


भरा पड़ा है खुशी का दामन

वो ऐसा गुलशन सजा गये हैं।


तड़प रही है हयात मासूम

दीवाना हम को बना गये हैं।


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