मन्नत का धागा
मन्नत का धागा
जाके मंदिर तुम मन्नत का धागा बाँध आना
कर के अरदास तुम साथ दोनों का मांग आना।
चन्दन की खुशबू सा महका रहे प्यार अपना
एक दिया तुम दौनों के नाम का जला आना।
जो लटकी होगी घंटी मंदिर में
उसे अपने हाथों से बजा आना।
बेलपत्र, पंचामृत, पंचमेवा का भोग
दोनों के नाम का लगा आना।
जलते हुये हवन कुंड की ले कर परिक्रमा
मेरे प्यार का कलावा तुम अपने हाथ में बाँध लाना।
शिव पार्वती, सीता राम सा हो जीवन का साथ
अपना लेकर हाथ में गंगा जल साथ रहने की
वो सारी कसमें उठा लाना।
जाके मंदिर तुम मन्नत का धागा बाँध आना
कर के अरदास तुम साथ दोनों का मांग आना।