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Tanmay Mehra

Romance

4.0  

Tanmay Mehra

Romance

तेरी प्रीत चली

तेरी प्रीत चली

1 min
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ये बेरंग हवाएं पूछे हैं

किस ओर तेरी वो प्रीत चली


टूटे टेशू के फूल से

किस ओर तेरी मनमीत चली


लिए अगन फिर विरह की

क्यों दिल में तेरी ये आंच जली


गला रूंधा हैं और आंखें नम

यादों में उसकी जब सांझ ढली


हुई अब पीड़ा नन्हे मन को

क्यों निर्मोही से तेरी ये प्रीत पली


लिए परछाई यादों में

हाय ! उस से तो तेरी प्रीत भली


किस ओर तेरी मनमीत चली......


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