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Saikat Majhi

Romance

2.8  

Saikat Majhi

Romance

तैयार हूँ

तैयार हूँ

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जो कोई नाम तुमको हो भाता

प्रिये मैं वही नाम होने को तैयार हूँ।

तू कह दे अगर मेरी राधा है तू

मैं तेरा श्याम होने को तैयार हूँ।

थोड़ा मशहूर हो गया हूँ मैं आज,

पर तूझसे क्यों दूर हो गया हूँ मैं आज,

बस तू कह दे तो छोड़ के सब

मै गुमनाम होने को तैयार हूँ।

तू कह दे अगर मेरी राधा है तू

मै तेरा श्याम होने को तैयार हूँ।

एक दूजे की आँखों में पलते रहे,

हम ज़माने की नज़रों में खलते रहे

गर अंजाम-ए-मोहब्बत है बदनामी ही  

तो मैं बदनाम होने को तैयार हूँ।

तू कह दे अगर मेरी राधा है तू

मै तेरा श्याम होने को तैयार हूँ 

तू कह दे सदा तेरे नीचे रहूँ,

तू आगे बढ़े मै पीछे रहूँ,

तुम शहर के सूरज सी जगमगाती रहो

फ़िर मैं शाम होने को तैयार हूँ।

तू कह दे अगर मेरी राधा है तू

मै तेरा श्याम होने को तैयार हूँ।।

जाने कैसे कहाँ कब पूरा हूँ मैं,

तेरे बिन तो सदा ही अधूरा हूँ मैं,

मेरी हर कहानी का बनो आगाज तुम

तो मैं अंजाम होने को तैयार हूँ।

तू कह दे अगर मेरी राधा है तू

मै तेरा श्याम होने को तैयार हूँ।।


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