तुम पुकार लो
तुम पुकार लो


वक़्त चुराता जाता है
साल जिंदगी से
खबर भी नहीं होती।
और सब हासिल होने के बाद
बस वक़्त ही खर्च हो जाता है
हमारी तिज़ोरी से।
कहते हैं
आईना झूठ
नहीं बोलता
पर वो ये भी नहीं बताता,
कि जो आज सच है
वो आने वाले कल का
सच नहीं होगा।
उम्र चुरा ली जाएगी
चेहरे की लकीरों से।
सच बोलूं
तो सब झूठे हैं,
फ़रेबी है।
हाथों की उंगलियां
जब उंगलियों में फंसी हों,
कान में एक एक
इअर प्लग लगाये
हम रात के अंधेरे में<
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बिस्तर पर लेटे हुए,
जब "तुम..पुकार लो"
वाला गाना सुनते हैं,
बस वही लम्हा सच है।
जब मैं कहूँ
ये गाना जान ले लेता है
और तुम उस गाने को
उसी लय में व्हिसल
करने लगो,
तो लगता है.
वक़्त की भी क्या औकात
जो मेरे साल चुरा ले।
झूठ बोलता है आईना
कि उम्र खर्च हो रही है
मैं तो अब भी वही हूँ
कशमकश भरे कदम रखते हुए,
हाथों में मेघदूत पकड़े,
भारी पलकों को थामे
हुई आंखें लिए
और तुम वही हो
मेरा इंतज़ार करते हुए।
©® टि्वंकल तोमर सिंह