ये इश्क़ हाय
ये इश्क़ हाय
क्या तुम मुझे
यहाँ सबके सामने अभी
चूम सकते हो?
उसने शरारत भरी
आँखों से चुनौती दी।
उसने रेल के डिब्बे में
भरी भीड़ पर
एक नज़र डाली
न मालूम कितनी शुष्क आँखें
कुछ पी लेने को
उन पर ही टिकी थी।
हाँ चूम सकता हूँ!
पर मुझे तो कुछ ही मिनटों में
डिब्बे से उतर जाना है
पर तुम्हें अभी दूर जाना है
मैं नहीं चाहता
उतनी देर भी तुम
चरित्रहीन का दाग लिये
सफ़र करो।
ट्रेन चल दी
लड़के ने विदा का
एक चुम्बन हवा में उछाल दिया,
बगल बैठी महिला ने कहा
अहा कितना प्यारा !
चरित्रहीनता के प्रमाणपत्र को
प्रशंसापत्र में बदलना
कितना आसान था !