Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

pratibha dwivedi

Abstract Romance

4.6  

pratibha dwivedi

Abstract Romance

वो आज भी ख्वाबों में आता है

वो आज भी ख्वाबों में आता है

2 mins
1.4K


जिसने कहा था बड़ी वफ़ा से,

मेरे सिर पर हाथ रखकर,

मैं आऊँगा लौटकर,

मेरा इंतजार करना,

वो आज भी ख्वाबों में आता है!!

जगाकर नींद से,

यादों के भँवर में फँसा जाता है!!


कहा था उसने,

मैं फौजी हूँ,

पहरेदार हूँ वतन का,

पहला प्यार मेरा तिरंगा,

पहला फर्ज है तिरंगा,

चुका दूँ कर्ज मैं उसका,

फिर आऊँगा लौटकर,

तेरे गेसुओं की छाँव में,

प्यार के हंसीं गाँव में,

बस होंगे हम और तुम,

और होंगी प्यारी बातें!!!

वो बातें याद आते ही,

दिल मचल सा जाता है!!!

वो आज भी ख्वाबों में आता है!!!

जगाकर नींद से,

यादों के भँवर में फँसा जाता है!!


वो उसका चूमना मुझको 

हाथों में हाथ लेकर,

फिर कहना दिलेरी से,

मैं जाऊँगा तुझको लेकर,

दुल्हन के लिबास में,

बैंड-बाजे के साथ में,

मैं तकती हूँ रास्ता,

वो आयेगा लौटकर !!!

फिर सजेंगे मेरे अरमां,

शहनाई बजेगी मेरे अँगना!!

होगी धूम खुशियों की,

बनेगा फौजी मेरा सजना!!!

वो मंजर याद आते ही 

समाँ हंसीं हो जाता है!!!!

वो आज भी ख्वाबों में आता है!!

जगाकर नींद से,

यादों के भँवर में फँसा जाता है!!!


गया वो वतन की सेवा में,

मुझे तो नाज है उस पर,

वो लौटे सलामत ही,

यही फरियाद है लब पर,

धड़कने बढ़ सी जातीं हैं

खबर जब भी ये आती है,

हुआ है लाल फिर शहीद 

देह मृत उसकी आती है !!!

यकीं डगमगा सा जाता है,

सहम सा दिल ये जाता है,

सलामत हो मेरा दिलदार,

दुआ दिल करता जाता है !!!!

यही है हाल उस दिल का,

फौजी से जिसकी आशनाई !!

होती जब जंग सीमा पर,

दिल में भी छिड़ती लड़ाई!!!

ना अमन सीमा पर होता ,

ना सुकूं दिल में पल भर भी!!

ये हालत है हर उस घर की

जहाँ पर हो कोई फौजी!!

मेरा फौजी है सलामत,

ख़त अभी उसका आया है,

वो भी आने ही वाला है,

यही पैगाम आया है!!!

जब तलक देखूँ ना आँखों से

कहाँ अब चैन आता है!!!

वो आज भी ख्वाबों में आता है!!

जगाकर नींद से,

यादों के भँवर में फँसा जाता है!!

जगाकर नींद से,

यादों के भँवर में फँसा जाता है!!



Rate this content
Log in