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Manju Rani

Abstract Inspirational

4.8  

Manju Rani

Abstract Inspirational

शब्द नाद

शब्द नाद

3 mins
789


शब्द नाद ने

ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।

कभी वचन,

कभी प्रवचन ,

कभी वरदान ,

कभी आकाशवाणी से

स्वच्छंदित कर दिया ।

शब्दों के बाणों ने रचे

ये वेद ,पुराण ,रामायण ,

महाभारत और

गीता के उपदेश ।

शब्द नाद ने

ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।

कैकेयी के तीन वचन

मंथरा ने हथियार बना

राम को वन पहुँचा दिया ।

केवट के कथन ने

राम का मन मोह लिया ।

शबरी के झूठे बेरों की

भाषा ने भक्ति का

नव द्वार खोल दिया ।

शूर्पणखा की प्रतिकार

भरी ध्वनि ने राम द्वारा

रावण का वध करा दिया ।

शब्द नाद ने

ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।

भीष्म की प्रतिज्ञा ने

महाभारत की नींव

रखने का कार्य कर दिया।

कुंती कुछ स्वरों की

परीक्षा लेने चली तो

कर्ण फल स्वरूप आए

तो वाहिनी में बहा दिया ।

ऋषि ने शाप दे

पाण्डू को जीवन से

ही मुक्त कर दिया ।

धृतराष्ट्र की महत्वाकांक्षाओं ने

भाषा का रूप ले

दुर्योधन को अपना ही

प्रतिद्वंद्वी बना दिया ।

द्रौपदी के व्यंग्य ने

दुर्योधन को प्रतिशोध

की आग में जला दिया ।

अश्वत्थामा कहते

आज भी जीवित

पर घोष ने

मृत घोषित कर दिया ।

युद्ध में कृष्ण की

गीता ने अर्जुन को

विजयी बना दिया ।

शब्द नाद ने

ब्रह्माण्ड को गुंजित कर दिया ।

एक आकाशवाणी ने

सर्वश्रेष्ठ भाई को

कंस बना दिया ।

राधा के स्वन ने

कृष्ण को

प्रेमी बना दिया ।

गोकुल की पुकार ने

नंदलाला को

गिरिधर बना दिया ।

गोपियों के अधर से

निकला कान्हा तो

गोकुल के गोपाल को

रास- रचैया बना दिया ।

शब्द नाद ने

ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।

इन नादों ने

मनु की संतान को

भगवान बना दिया ।

इन्हीं निनादों ने

मानव की संतानों को

हिरण्यकश्यप-सा बना दिया ।

इन कथनों ने

कहीं तोड़ा तो

कहीं जोड़ना सिखा दिया ।

इन लफ़्ज़ों ने

मनुष्य के रिश्तों को

मजबूत बना दिया ।

शब्द नाद से

ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।

शब्दों के खेल ने

इतिहास बदल दिया ।

परतंत्र देश को

स्वतंत्र कर दिया

"तुम मुझे खून दो

मैं तुम्हें आजादी दूँगा ",

"स्वतंत्रता मनुष्य का

जन्म सिद्ध अधिकार है "

न जाने ऐसे कितने

शब्द-घोषों ने

अंग्रेजों को छलनी कर दिया ।

निष्ठुर हृदय का

हृदय परिवर्तन कर दिया ।

शब्द नाद से

ब्रह्मांड गुंजित कर दिया ।

स्वतंत्र देश को

स्वावलंबी बनाने के लिए

"जय जवान जय किसान"

ने चमत्कार कर दिया ।

"अच्छे दिन आने वाले हैं"

नारे ने जादू कर दिया ।

वर्ण तो वो ही बावन

पर वर्णों के फेर-बदल ने

जीवन बदल दिया ।

शब्द नाद ने

ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।

कहीं शाप कहीं वरदान

कहीं दूर्वचन कहीं प्रवचन

कहीं शीतल कहीं अग्नि

कहीं मौन कहीं ध्वनि ।

शब्दों के इर्द-गिर्द

नृत्य करता इंसान ।

अब तक सीख न पाया

ढाई आखर प्रेम का ,

और स्वयं के अहंकार में

स्वयं को जला दिया ।

शब्दों पर अंकुश लगा तो

उन्होंने निनाद , स्वन,

संघ ,घोष से विश्व को

जागृत कर दिया ।

शब्द नाद ने

ब्रह्मांड को गुंजित कर दिया ।


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