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Manju Rani

Romance Tragedy Inspirational

4.7  

Manju Rani

Romance Tragedy Inspirational

चाय पीयें मोहब्बत की

चाय पीयें मोहब्बत की

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बरसात में बरसे नैना

समझ न पाए,

बादल बरसे

या बरसे नैना ।


याद आया वो

चार पैरों का

एक साथ दौड़ना ।

हाथों का छाता बनाना

और भीग जाना ।


फिर एक नुक्कड़ पर

चाय वाले की छपरी

में खड़े होना ,

वो गरम-गरम चाय पीना ।


एक दूसरे को निहारना,

बिन बोले बतियाना ।

कहाँ गया वो प्यार ?

वो आँखों वाला प्यार ,

वो दिल वाला प्यार ,

वो बूँद-बूँद रिसता प्यार।


जीवन की भाग दौड़ में,

महल बनाने की होड़ में,

दफन होकर

रह गया वो प्यार ।


महलों के मोबाइलों में

शोर मचाता वो प्यार ।

बारिश में गरम-गरम

पकौड़ों का स्वाद ,

उड़ा ले गया कोलेस्ट्रोल

सारे पकौड़ों से प्यार ।


यह देख लगता

क्या, अभी ही दिल धड़कता !

पहले दौड़ता-भागता

गिरी चढ़ता-उतरता, 

धड़कता ही नहीं था

निगोड़े दिल का प्यार !


कितने पराए से

हो गए हम,

अपनी ही बरसातें

भूल गए हम ।


चलो फिर चढ़े पहाड़

एक दूसरे का हाथ थाम ।

छोड़े राह सड़कों की,

पकड़े अपनी पगडंडी ।

जकड़ ले वो चिनार

जो छोड़ रहे जड़े अपनी।


भीगे जब बरसातों में,

फिर ढूँढें,

वो छोटी-सी टपरी

जहाँ, चाय पीयें 

मोहब्बत की ।


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