Cute Mehak

Romance

5.0  

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इश्क़ समंदर

इश्क़ समंदर

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हूँ इश्क़ - समंदर बारिश मैं 

मुझको साहिल ही रहने दो,

मैं बनूँ फरिश्ता चाह नहीं 

इंसान मुझे ही रहने दो !


मैं लड़ सकती हूँ तनहा भी 

एहसान यही बस रहने दो,

हूँ इश्क़ - समंदर बारिश मैं

मुझको साहिल ही रहने दो !


बाते, यादें तो दिल में है 

चुपचाप मुझे सब सहने दो,

मेरे दिल में है गीत बसा 

वीराने में ही रहने दो !


बारिश की बूंदे  ठहर गई 

ये प्यास इश्क की रहने दो,

कुछ और नहीं मैं चाह रही 

तुम नज़्म गजल की बनने दो !


मैं बनी मोहब्बत में पागल 

अब उस गम में ही पलने दो,

हूँ खड़ी इश्क़ में तनहा हो 

तन्हा ही मुझको रहने दो !


कुछ सपनों को आँसू बनकर 

आँखों के अंदर पलने दो,

चल रही आजतक जिस पथ पर 

उस पथ पर मुझको चलने दो !


यूँ यादों में मत आना तुम

ये इश्क़ बहुत तड़पाती है,

जब आती है बरसात कभी 

वह तेरी याद दिलाती है ।


सूखी डाली में तू ने ही तब 

मधुमय कुसुम खिलाया था,

तकिये से पूछो बारिश में

मैं कितना अश्क बहाया था !


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