जानम समझा करो !
जानम समझा करो !
मुझे इतना याद न करो सनम
जोर जोर से हिचकियां
जो आने लगी हैं।
कमबख्त रुकता ही नहीं
जितने सारे पानी है
घर में
सब पी जो चुका हूं
मेरी जान !
पर ये हिचकियां
बंद होने का
नाम ही नहीं लेता
दिल तो चुरा लिया है
तूने कबसे
अब जान भी लोगी क्या ?
जानम ! समझा करो
प्यार की सुहाना पल
कहीं बीत न जाए....
आ मेरा पास आ
लग जा गले दिलरुबा।