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LALITA MOHAN DASH

Romance

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LALITA MOHAN DASH

Romance

जानम समझा करो !

जानम समझा करो !

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मुझे इतना याद न करो सनम

जोर जोर से हिचकियां

जो आने लगी हैं।


कमबख्त रुकता ही नहीं

जितने सारे पानी है 

घर में

सब पी जो चुका हूं

मेरी जान !

पर ये हिचकियां 

बंद होने का

नाम ही नहीं लेता


दिल तो चुरा लिया है 

तूने कबसे

अब जान भी लोगी क्या ?


जानम ! समझा करो

प्यार की सुहाना पल

कहीं बीत न जाए....


आ मेरा पास आ

लग जा गले दिलरुबा।


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