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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Romance

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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Romance

प्यार का इज़हार

प्यार का इज़हार

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पर्व आधुनिक प्रेम का, वैलिन्टाइन नाम।

हमने भी विधिवत किया, एक एक सब काम।।


पहले दिन प्रिय को दिया, रेड महकता रोज़।

दूजे दिन दिल थामकर, कर डाला प्रपोज़।।


तीजे दिन चकलेट ले, पहुंचे उसके पास।

मन में लेकर प्रेम का, एक सुखद अहसास।।


चौथे दिन सुबहे सुबह, टैडी लेकर एक।

बोले कर लो आज तो, दिल का गिव अन टेक।।


दिन प्रॉमिस के पांचवें, थाम हाथ में हाथ।

दिया वचन जब तक रहें, जिये मरेंगे साथ।।


छठवें दिन लग कर गले, किया प्रेम इजहार।

उसको भी होने लगा, हमसे थोड़ा प्यार।।


किस डे का दिन सातवां, आया तो जब यार।

मुख पर सजनी के किये, चुंबन की बौछार।।


आया दिन जब आठवां, हम-दोनों हो एक।

डूब गए हम प्रेम के, सागर में अतिरेक।।


इस प्रकार सम्पन्न कर, वेलिन्टाइन पर्व।

हमें बहुत ही हो रहा, आज स्वयं पर गर्व।।



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