जमीं पे आफ़ताब हूँ मैं,अच्छाई का बेजोड़ मेहराब हूँ मैं। चाह नही ऊंचाइयों को छूने की,ऊंचाइयों की शुरुआत हूँ मैं।।
Share with friendsधर्म-कर्म सब होते थे समय-समय पर यज्ञ होते थे, वेद पाठ होते थे बहुत ही समृद्ध गांव था.
Submitted on 12 May, 2020 at 17:44 PM
तब तक वो चुड़ैल उसे कुंए के पाट पर पटकती है और उसका गर्दन उस लहू में डुबाती है
Submitted on 12 May, 2020 at 17:41 PM
माया स्कूल जाने के लिए निकलती है तालाब के पास एक काली परछाई जिन्न का उसका।
Submitted on 11 May, 2020 at 07:46 AM
आम का वृक्ष बेशक आम आज भी बच्चों और बन्दरो की वजह से नहीं मिलता पर स्नेह असीम मिलता है।
Submitted on 10 May, 2020 at 18:37 PM
तभी कब्रिस्तान की तरफ से एक आवाज रीटा के कानों पे सुनाई देती है।
Submitted on 05 May, 2020 at 16:38 PM
यज्ञ के पूछने पर भी वो रात किसी बात का जिक्र नहीं निकालता।
Submitted on 04 May, 2020 at 16:44 PM
पवन ने आठवां वचन भी दिया कि कभी हमारे बीच"तेरे मेरे रिश्तेदार" की बात नहीं होगी।"
Submitted on 03 May, 2020 at 14:20 PM
बहुत सारे प्रश्न थे झरना के मन में जिनका जवाब वह भूसे में सुई की तरह ढूंढती रहती थी
Submitted on 02 May, 2020 at 13:52 PM
सब पहले की तरह हो जाये दोनों को बस यही इंतजार है।
Submitted on 01 May, 2020 at 06:46 AM
बाहरी सम्पर्क से दूर परिवार बिताया हर लम्हा सुखद होता है।
Submitted on 26 Mar, 2020 at 18:05 PM
न जाने कितनी देर तक हम हंसी ठहाके लगाते रहे कि 12 बज गया। कोई सुबह उठने की जल्दी नही,कि
Submitted on 25 Mar, 2020 at 18:52 PM
खुद को देखते हुए सोचने लगी अब तो उम्र भी होने लगी पापा क्यों नही समझते।
Submitted on 24 Feb, 2020 at 15:22 PM
कुछ पल को आँखे बन्द हुईं ,एक एक यादें सामने आने लग गयी। प्राची बेटा ,प्राची बेटा उनकी आ
Submitted on 14 Dec, 2019 at 13:43 PM
सच कहूँ तो मुझे ज्यादा किसी चीजो से डर नहीं लगता पर सुनसान रास्तों पर जब कोई नदी का पुल
Submitted on 12 Dec, 2019 at 13:24 PM
लगने लगा कि जहाँ हूँ उसी में फोकस करूँ। एक समय ऐसा आया कि लगने लगा कि टीचिंग से बेहतर न
Submitted on 10 Dec, 2019 at 14:23 PM
मेरा वक्त तो अब भी मेरे हाथ में था पर बच्चों का भविष्य भी जिन्हें मैं पढ़ाती थी।
Submitted on 09 Dec, 2019 at 17:55 PM
अब मेरी कशिश न खींच पाएगी तुझे तुझे रास आ गयी दुनिया मैं बुत बनकर बैठी रही तुझे भा गयी गेर पगडंडियां।
Submitted on 08 Dec, 2019 at 18:16 PM
संकट की घडी में भी आप दुसरो की मदद करेंगे तो जो आपने सोचा नहीं, जो माॅंगा नहीं वह भी आपको मिलता ही है...!!!
Submitted on 04 Dec, 2019 at 17:34 PM
"मेरी छोड़ तु अपनी जीवनसाथी की तस्वीर तो दिखा!” उसने तस्वीर दिखाई! जिसे देख मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। मैंने फिर भ...
Submitted on 03 Dec, 2019 at 15:02 PM
मुझे अपने दोस्त पर नाज हुआ और मैंने फैसला लिया की हमेशा इसकी मदद करुँगी।
Submitted on 09 Nov, 2019 at 17:08 PM
बस सही राह चलना तुम्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं। तुम्हारे हर कदमों के पीछे मैं हूँ न
Submitted on 04 Nov, 2019 at 15:58 PM
सभी विद्यर्थियो को उनका नही रहने के दुःख के साथ जब ये बात पता चली तो ऐसा लगता की हम
Submitted on 03 Nov, 2019 at 17:32 PM
नहीं वो ये नहीं हो सकते नीतू तु ऐसा कैसे सोच सकती है।"अरे नहीं सिमरन मुझे लगा....
Submitted on 30 Sep, 2019 at 17:54 PM
जब घर लेकर आई उस बच्चे को तो घर के लोगो ने उसे ही बाहर का ही रास्ता दिखा दिया
Submitted on 30 Sep, 2019 at 17:51 PM
शुक्ला जी भी भीतर ही भीतर सूखते जा रहे थे।प्रेम के बोल ही काफी होता है...
Submitted on 30 Sep, 2019 at 17:48 PM
अब कई साल बीत गए न पिता जी का पत्र आता, घर में फोन भी लग गया था
Submitted on 30 Sep, 2019 at 17:46 PM
मैं दौड़ते हुए रिसेप्शन की तरफ पहुँचा, जल्द से जल्द रैनी के पास पहुँचना चाह रहा था।
Submitted on 01 Sep, 2019 at 10:21 AM
जाने कितने विचार मेरे दिलो दिमाग में उठते ऐसा लग रहा था इस उलझन में कहीं फँस न जाऊँ
Submitted on 24 Aug, 2019 at 07:07 AM
अवस्थी जी रिटायर हो चुके थे, आज कुछ लोग वेलेंटाइन डे पर बेस्ट कपल के लिए उनका इंटरव्यू लेने आए थे, ताकि वो उसे छाप सके,अ...
Submitted on 28 Jul, 2019 at 12:19 PM
एक स्त्री द्वारा अपनी चालाक भाभियों, उनके गुलाम पतियों और अपने मजबूर माता-पिता की दास्तान सुनती हुई, जिसे कभी मायके में ...
Submitted on 28 Jun, 2019 at 05:16 AM
एक दिन की मुलाकात जिसे मेरे जेहन में अमर करती है आने वाले हर वर्ष।
Submitted on 12 Mar, 2019 at 09:58 AM
आज अपने ऑफिस में मैंने ट्रांसफर की अर्जी लगा दी।"मत जाओ सुधा इतने मुश्किल से मेरी जिंदगी में वापस आई हो,ऐसे मत जाओ".....
Submitted on 03 Mar, 2019 at 14:03 PM