जमीं पे आफ़ताब हूँ मैं,अच्छाई का बेजोड़ मेहराब हूँ मैं। चाह नही ऊंचाइयों को छूने की,ऊंचाइयों की शुरुआत हूँ मैं।।
धर्म-कर्म सब होते थे समय-समय पर यज्ञ होते थे, वेद पाठ होते थे बहुत ही समृद्ध गांव था. धर्म-कर्म सब होते थे समय-समय पर यज्ञ होते थे, वेद पाठ होते थे बहुत ही समृद्ध गां...
तब तक वो चुड़ैल उसे कुंए के पाट पर पटकती है और उसका गर्दन उस लहू में डुबाती है तब तक वो चुड़ैल उसे कुंए के पाट पर पटकती है और उसका गर्दन उस लहू में डुबाती है
माया स्कूल जाने के लिए निकलती है तालाब के पास एक काली परछाई जिन्न का उसका। माया स्कूल जाने के लिए निकलती है तालाब के पास एक काली परछाई जिन्न का उसका।
जी भरके बात कर पाती तुमसे अम्मा। जी भरके बात कर पाती तुमसे अम्मा।
आम का वृक्ष बेशक आम आज भी बच्चों और बन्दरो की वजह से नहीं मिलता पर स्नेह असीम मिलता है। आम का वृक्ष बेशक आम आज भी बच्चों और बन्दरो की वजह से नहीं मिलता पर स्नेह असीम मि...
तभी कब्रिस्तान की तरफ से एक आवाज रीटा के कानों पे सुनाई देती है। तभी कब्रिस्तान की तरफ से एक आवाज रीटा के कानों पे सुनाई देती है।
यज्ञ के पूछने पर भी वो रात किसी बात का जिक्र नहीं निकालता। यज्ञ के पूछने पर भी वो रात किसी बात का जिक्र नहीं निकालता।
पवन ने आठवां वचन भी दिया कि कभी हमारे बीच"तेरे मेरे रिश्तेदार" की बात नहीं होगी।" पवन ने आठवां वचन भी दिया कि कभी हमारे बीच"तेरे मेरे रिश्तेदार" की बात नहीं होगी।...
बहुत सारे प्रश्न थे झरना के मन में जिनका जवाब वह भूसे में सुई की तरह ढूंढती रहती थी बहुत सारे प्रश्न थे झरना के मन में जिनका जवाब वह भूसे में सुई की तरह ढूंढती रहती...
सब पहले की तरह हो जाये दोनों को बस यही इंतजार है। सब पहले की तरह हो जाये दोनों को बस यही इंतजार है।