मेरी राशि
मेरी राशि
खुदा ने जब तुझे तराशा होगा,
सबसे ज्यादा वक़्त तुझ पर ही लगाया होगा।
भूल गया होगा वो भी सुधबुध अपनी,
जब उसने तुझे अपने पास पाया होगा।
चाँद का नूर है तुझ में, हुस्न की तू रानी है,
लगता मुझे ऐसा क्यों ? तू मेरी ही कहानी है ।
होठों में रखता तुझे मैं, अब बस तेरा ही ख्याल है,
मांगू खुदा से क्या मैं ज्यादा, हर जगह तेरी परछाई है।
बोलती है जब तू लबो से, चाँद को भी पिघला दे,
लगता मुझे तू ऐसे, नदियों को भी गहरा दे ।
तरसती हैं बारिश की बूंदे, तेरा बदन छूने को,
छू लिया जिसने तुझको, तू उनको भी जला दे ।
रंग नहीं है कोई, अब इस जहां में,
पा लिया
जिस रंग ने तुझको, तू उसका आसमान में।
मदहोश हो जाता मौसम, तेरी मुस्कान से,
लिपटे जो रंग तन से तेरे, तू उसको एक मुकाम दे।
कायल हूँ अदा का तेरी, अब दिल में तू ही बसती है,
थम जाए सासे मेरी, जब नजरों से तू कुछ कहती है।
चल छोड़ इस जहान को, चले उस जहान में,
चाहूँ तुझे हर पल जहाँ मै और अपना आसियान हो।
प्यार करूँ तुझे हर दम मैं, सांसों से तेरा ही एहसास है,
जिस्म का सौदा करता नहीं दिल, तेरी रूह को भी पाना है,
मै रहू या न रहू पर तेरा हो जाना है।
हाथ थामने का दे मौका मुझे तू, साथ तेरा चाहूँगा,
हर जन्म मेरी राशि रहे तू और तुझे जान से भी ज्यादा चाहूँगा।