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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Action Classics Inspirational

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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Action Classics Inspirational

कब आओगे राम

कब आओगे राम

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आस नयन को दर्शन देने कब आओगे राम ?

अपने बालक की सुध लेने कब आओगे राम ?


कितने युगों से मैं बैठा हूँ इन राहों में नैन बिछाए,

जन्मों से हूँ आस लगाए तुम आओगे तुम नहीं आए।

मेरी प्रतीक्षा का फल देने कब आओगे राम?


जीवन मृत्यु के भँवरों में डोल रही है मेरी नैया,

पार लगाने कब आओगे ओ सारे जग के खेवैया,

जीवन की उलझन सुलझाने कब आओगे राम ?


मिथ्या माया मोह में उलझा जीवन व्यर्थ बनाता हूँ,

जन्म मरण की फेर में पड़ कर मुक्ति मार्ग गंँवाता हूँ,

पाप पुण्य से मुक्ति दिलाने कब आओगे राम ?


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