चूमने हैं चाँद तारे
चूमने हैं चाँद तारे


बन गगन ऊँचा तुम्हें तो चूमने हैं चाँद तारे।
नौजवानों इस वतन का कल है हाथों में तुम्हारे।
हैं करोड़ों लोग जिनकी, आस हो पाईं न पूरी।
योजनाएं देश हित की, हैं पड़ीं कितनी अधूरी।
यदि करो नेतृत्व तुम तो, नीतियां बेहतर बनाओ,
राह पर रथ को प्रगति के, तीव्र गति देकर बढ़ाओ
ले रहीं हैं पीढ़ियां जो, जन्म नूतन सामने अब,
हैं तुम्हारे ही सहारे, हैं तुम्हारे ही सहारे
नौजवानों इस वतन का कल है हाथों में तुम्हारे।
कर भुजाएँ शक्तिशाली, तरुणता सोई जगाओ
सोंच को आजाद कर दो,बेड़ियां मन की हटाओ।
हैं विचारों से नवल जो, भाग्य के बनते विधाता,
हौसला जिसके परों में, खग वही नभ नाप पाता।
चन्द्र मंगल से ग्रहों पर छाप दो पद चिन्ह अपने,
कुछ करो ऐसा जगत ये, गर्व से तुमको निहारे
।
नौजवानों इस वतन का कल है हाथों में तुम्हारे।
तुम असम्भव जीत की ऐसी लिखो अद्भुत कथाएं
कांप जाए शत्रु सुनकर, सिंह जैसी गर्जनाएँ।
बन विवेकानंद सूरज, सत्य निष्ठा का उगाओ
भ्रष्ट तंत्रों की जड़ो को, डालकर एसिड जलाओ।
पाप की कलुषित नदी में, डूब जाए पूर्व इसके,
तुम लगाओ भोग वादी, सृष्टि की नैया किनारे।
नौजवानों इस वतन का कल है हाथों में तुम्हारे।
सप्त रंगी रंग भर दो, देश में उल्लास लाओ।
अनुकरण सद्आचरण का कर नया विश्वास लाओ।
इस जगत को कर्म योगों के, अनूठे सार दे दो
बीज बो मन में मनुजता के, उन्हें विस्तार दे दो
सत्प्रयासों से स्वयं के, पुष्ट अंतर्मन करो तुम
फिर सुनो आवाज उसकी, मन तुम्हें जब भी पुकारे।
नौजवानों इस वतन का कल है हाथों में तुम्हारे।