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Pushp Lata Sharma

Inspirational Children

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Pushp Lata Sharma

Inspirational Children

उजाले की किरण अम्मा

उजाले की किरण अम्मा

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है अँधेरे में उजाले की किरण अम्मा।

कड़कड़ाती धूप में शीतल पवन अम्मा।


पा सकें बच्चे सुखों की छाँव जीवन में,

इसलिए संताप सहती हर तपन अम्मा।

 

स्वेत, श्यामल ये हमारी ज़िंदगी होती,

रंग यदि भरती नहीं बनकर सुमन अम्मा।

 

तोड़ती पत्थर कभी वह खींचती गाड़ी,

ऐसे ही पूरे नहीं करती सपन अम्मा।

 

जब बुरी नज़रें कभी भी देखतीं घर को,

हर बला को टालती बनकर हवन अम्मा।


थाह महिमा की नहीं फिर क्या कहे अब 'पुष्प',

बस झुकाकर सिर तुम्हें सादर नमन अम्मा।


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