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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

गर्दिश में सितारे

गर्दिश में सितारे

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गर्दिश में भले ही हमारे सितारे है

फिर भी हम तो कभी नहीं हारे है

लोगो ने जितने दिये हमको ताने है

उतने अधिक गाये जीत के गाने है

पत्थर से कठोर हृदय के देश में,

टूटी कश्ती से हम पहुंचे किनारे है

गर्दिश में भले ही हमारे सितारे है

हमारा वक्त बुरा है,हम नही बुरे है,

संघर्ष से जीवन मे हम नही डरे है,


अमावस में हम देखते चाँद-तारे है

जितना ज्यादा लोग हमे सतायेंगे

उतना ही ज्यादा हम निखर जाएंगे,

दुख,सँघर्ष ही हमारी जीत के नारे है

गर्दिश में भले ही हमारे सितारे है

जितना ज्यादा डूबेगी नाव हमारी,

उतना ही ज्यादा पार होंगे किनारे है

जब तक सांसों में है साखी के दम

तब तक बुराइयों से लड़ते रहेंगे हम

भीतर, बुराईयों के तोड़ेंगे रास्ते सारे है

गर्दिश में भले ही हमारे सितारे है

फिर भी हम तो कभी नही हारे है


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