मैं नहीं कहता व्यक्ति कोई विशेष हूँ, बस गौरव के नाम में मैं अब भी शेष हूँ...
जब तक समझ पाएं हमें कहाँ जाना है कैसे जाना हैं ! देर हो जाती है जब तक समझ पाएं हमें कहाँ जाना है कैसे जाना हैं ! देर हो जाती है
हर साल ने अनगिनत यादें और उम्मीदों से आस जोड़ ली थी दादा जी ने, हर साल ने अनगिनत यादें और उम्मीदों से आस जोड़ ली थी दादा जी ने,
अपने इस दिल के सुनसान शहर में......जहां कोई रास्ता नहीं है अपने इस दिल के सुनसान शहर में......जहां कोई रास्ता नहीं है
या शायद एक और आस का दम निकल चुका था। या शायद एक और आस का दम निकल चुका था।
काफ़ी देर तक ऋषभ उन 19 टिकट को घूर रहा था और फिर अपने सपने और जमा पूंजी को अपने बैग में काफ़ी देर तक ऋषभ उन 19 टिकट को घूर रहा था और फिर अपने सपने और जमा पूंजी को अपने ब...
-"मैं तो आपसे भी ज्यादा खुश हूं आज आप घर आ रहे हैं लेकिन अब आपसे बात नहीं हो पाएगी,ये म -"मैं तो आपसे भी ज्यादा खुश हूं आज आप घर आ रहे हैं लेकिन अब आपसे बात नहीं हो पाए...