बिहार हूँ मैं
बिहार हूँ मैं
भारत के गौरवशाली
इतिहास का पुलिंदा हूँ
धधकता रहा मैं स्वयं के भीतर
हां...मैं वही नालंदा हूँ।
ख़िलजी के पाशविक कृत्यों का
स्वयं प्रतिकार हूँ मैं
लाखों पीड़ा ह्रदय में समेटे तुम सब का बिहार हूँ मैं!
साल वृक्ष के गोद मे बैठे
त्रिशला-सिद्धार्थ के पुत्र का
बारह वर्षों का देखा इंतजार हूँ मैं
महावीर स्वामी के तीर्थंकर होने का
प्रत्यक्षदर्शी कहार हूँ मैं
लाखों कथाएं हृदय में समेटे तुम सब का बिहार हूँ मैं!!
गुरुगोविंद की जन्मभूमि मैं
गुरु ग्रंथ साहिब का पुर्ण आकार हूँ मैं
उनके उपदेशों का लाभार्थी
बलिदानों का दुःखद श्रृंगार हूँ मैं
लाखों विपदा हृदय में समेटे तुम सब का बिहार हूँ मैं!!!
चंद्रगुप्त के शौर्य की गाथा
गुरु चाणक्य का तपता
मष्तिष्क रूपी तलवार हूँ मैं
मौर्यवंश के उत्थान की सरहद
काबुल-बलूचिस्तान और कंधार हूँ मैं
युगों-युगों तक विश्व जिसकी महिमा गाए
उस सम्राट अशोक का वृहद विस्तार हूँ मैं
लाखों युद्धों की विभीषिका समेटे तुम सब का बिहार हूँ मैं!!!!
मोक्ष पाते पितर मुझ पे ही
पिंडो की दान लेने वाला
फल्गु का किनार हूँ मैं
वैदेही के श्राप से बना मैं भु-सलिला
युगों जमीं के नीचे बहता नदी का धार हूँ मैं
लाखों महिमा ह्रदय में समेटे तुम सब का बिहार हूँ मैं!!!!!
रामधारी का काव्य दर्शन मैं
दिनकर सा निबंधकार हूँ मैं
दशगीतिका,तंत्र का ज्ञाता
गणित का एक अलग संसार हूँ मैं
पढ़ता है संसार जिस शून्य से सब कुछ
आर्यभट्ट का महान अविष्कार हूँ मैं
लाखों गणितीय समीकरण ह्रदय में समेटे
तुम सब का बिहार हूँ मैं!!!!!
वीर कुंअर का हिम्मत और ताकत
उनका अंग्रेजों पे किया गया प्रहार हूँ मैं
बूढ़े शरीर का बल भी मैं हूं
फिरंगियों के लिए उनके द्वारा खड़ा किया दीवार हूँ मैं
लील गई जो उनके बाजुओं की पीड़ा को
गंगा का बहता हुआ पावन धार हूँ मैं
लाखो इतिहास ह्रदय में समेटे
तुम सब का बिहार हूँ मैं!!!!!!
सिदो कान्हू चांद भैरव का
तुम पर किया उपकार हूँ मै
चढ़ गए बिरसा जिस फांसी पर
उनके फंदे का सीता हार हूँ मैं
भागलपुर पटना सिवान और आरा
अररिया किशनगंज कटिहार हूँ मैं
विभाजन के दंश को झेला
रांची धनबाद बोकारो दुमका साहेबगंज और पाकुड़
पूरे झारखंड का जर जंगल पहाड़ हूँ मैं
लाखों गहरे सागर सा तुम सब का बिहार हूँ मैं!!!