शिक्षक
शिक्षक
विद्यालय में जो बच्चों को पढाये
नटखट बच्चों की शरारत सह कर जो न खोता अपना धैर्य
क्षमा कर बच्चों की भलाई की सोचे
वो शिक्षक कहलाये ।
नन्ही आँखों में कभी आ जाए नमी या आंसू तो उनको हँसाया
कभी प्यार से, कभी रोक- टोक कर बच्चों को सही मार्गदर्शन दे
काले स्लेट पर चाक से शब्दों, आखर, मुहावरों से जो ज्ञान का भंडार भरे
बच्चों को अनुशासन में रहना सिखाये
वो शिक्षक कहलाये।
बच्चों के कोमल बाल मन को समझे गिली मिट्टी जैसे बच्चों के स्वरूप को आकार में ढाले
अज्ञानता का कीचड़ धोकर जो जीवन का मर्म बताये
केवल किताबी ज्ञान के साथ-साथ करुणा, दया, क्षमा, सच्चाई निहित गुणों से अवगत कराये
एसे गुरु के चरण स्पर्श से मुरझाए फूल खिल जाए
वो शिक्षक कहलाये।
कभी ढाल बन मुश्किल से बचाए
हक के लिए संघर्ष करना सिखाए
माता-पिता जैसी सलाह दे
दोस्त बन हौसला बढ़ाए
आत्मनिर्भर बनाकर उन्हें समाज में अच्छा इंसान बनाए
वो शिक्षक कहलाये।
जीवन के घोर अंधकार में उम्मीद की किरण जो बन जाता है
दुःख सब हर खुशियो की फसल उगाता है
परिस्थिति जब हो प्रतिकूल हिम्मत वहीं बन जाता है
गंभीर हो हालात सही दिशा दिखाकर सभी संशय मिटाता है
वो शिक्षक कहलाये।
जीवन की प्रतिकूल परिस्थिति का हल कर उसका समाधान बताये
ज्ञान की रोशनी फैलाये
सत्य मार्ग पर चलना सिखाये
जीवन की बारीकी से अवगत कराकर राष्ट्र निर्माता कहलाये
वो शिक्षक कहलाये।
लक्ष्य को भेद ने की कला सिखाए
गुरु द्रोणाचार्य की याद दिलाए
कभी अर्जुन जैसे वीर, राम जैसे कर्तव्यनिष्ठ भारत भूमि का मान बढ़ाए
एसे गुरु को सदा करते चरण स्पर्श और नमन
इन्हें कहे धन्यवाद जो बच्चों के जीवन को निखार कर समाज में काबिल बनाये
वो शिक्षक कहलाए।
"शिक्षक दिवस " " धन्यवाद शिक्षक "